बीमा (INSURANCE) का इतिहास।

बीमा या INSURANCE का कोई स्पष्ट प्रमाण प्राचिन इतिहास में नही मिलता। लेकीन बीमा या INSURANCE यह कोई नयी बात नही है। बीमा की शुरुवात अति प्राचिन काल में मानवी जिवन सभ्यता के साथ ही हुई है। जिवन बीमा की शुरुवात भी ईसा पूर्व से मानी जाती है। प्राचिन रोम के लोग जिवन बीमा से परीचित थे। संयुक्त परीवार प्रथा भी बीमा का ही एक स्वरुप था। यदी परीवार में कोई मर जाता, अपंग हो जाता, या किसी कारण से बेरोजगार हो जाता तो उस व्यक्ति की तथा उसके पत्नी और बच्चों की देखभाल परीवार के अन्य लोग करते। परंतु वर्तमान में यह व्यवस्था विघटीत होने से बीमे की आवश्यकता बढ गयी है।

बीमा सिद्धांत का इतिहास समुद्र व्यापार के प्रारंभ से ही शुरु हुआ था। अपने आदि रुप में क्षति पुर्ती का बीमा सिद्धांत सहकारीता के सिद्धांत पर आधारीत था जिसे “जनरल एवरेज” कहा जाता था। समुद्र में तुफान के समय अथवा अन्य खतरों के समय कभी – कभी यह आवश्यक हो जाता था की जहाज तथा अन्य सामान की रक्षा के लिये कुछ सामान समुद्र में फेंक कर जहाज को हल्का कर लिया जाता था। इस प्रकार होने वाली हानी उस व्यापार योजना भाग लेने वाले सभी व्यापारीयों के हित आनुपातिक रुप से वहन कर लेते थे। यही सहकारीता का सिद्धांत क्रमशः बीमा के रुप में शुरु हुआ।

समुद्र बीमा अनुबंध में केवल एक खतरे के विरुद्ध बीमा नही किया जाता बल्कि उसमें उन सभी खतरों का उल्लेख होता है जो समुद्र यात्रा में संभावित है। ध्यान रहे की बीमा करने के उपयुक्त वही खतरे माने जाते है जो संभाव्य है। ऐसी यात्रा में जो हानियाॅं निश्चित है, जैसे पशु आदि का बिमार हो जाना अथवा फल आदि का सड जाना इत्यादि का बीमा नही किया जाता।

आधुनिक बीमा का विकास १३ वीं शताब्दी में हुआ था ऐसा माना जाता है। प्राचिन काल में विदेशों के साथ माल का आवागमन अधिकांश समुद्री मार्ग से ही होता था, जो अनेक जोखिमों से भरपूर था। इन जोखिमों से बचाव हेतू व्यापारी एक समझोता कर लेते थे कि मार्ग में होने वाली हानी को व्यापारी हितों के अनुसार बाॅंट लेंगे। इसी प्रकार कर्ज देने की प्रथा भी थी जिसे “बाॅटमरी बाॅण्ड” कहा जाता था।

इस प्रकार सर्व प्रथम सामुद्रीक बीमा और फिर अग्नी बीमा का विकास हुआ। एडवर्ड लाॅयड नामक काॅफी विक्रेता ने लंडन में समुद्री बीमा को आधुनिक रुप प्रदान किया। सन १६६६ में हुए लंडन के महान अग्निकांड में, जिसमें १३,००० घर जलकर स्वाहा हो गये थे, उस घटना ने बीमा को बढावा दिया और सन १६८० में ‘Fire Office’ नामक पहली अग्नि बीमा कंपनी की शुरुवात हुई।

जिवन बीमा (LIFE INSURANCE) की शुरुवात ईसा पुर्व से ही हो गयी थी। प्राचिन रोम के लोग जिवन बीमा से परीचित थे। मेसोपोटामिया और बॅबिलाॅन में ३००० वर्ष पुर्व में पहली बार बीमा की शुरुवात की गयी थी। लेकिन आधुनिक स्वरुप के जिवन बीमा की शुरुवात सन १६५३ में हुई थी, जब लंडन के श्री विलियम गिबसन्स के जिवन का एक वर्ष का बीमा किया गया था।

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